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नेत्र उत्सव के साथ शुरू हुआ जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव

उत्कल सांस्कृतिक संघ की ओर से जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31 से 1जुलाई को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा धूमधाम के साथ निकाली जाएगी

चंडीगढ़: उत्कल सांस्कृतिक संघ जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31में बुधवार को नेत्र उत्सव के दौरान नव यौवन रुप के दर्शन की रश्म अदायगी की गयी। प्रभु जगन्नाथ के नेत्र उत्सव सह नव यौवन रुप के दर्शन के मौके पर पुरोहितों ने वैदिक मंत्रोच्चारण सह सम्पूर्ण विधि विधान से पूजा अर्चना की। जय जगन्नाथ की जयघोष, शंखध्वनी व पारंपरिक उलध्वनी (हुलहुली) के बीच 15 दिनों के एकांतवास से बाहर आए प्रभु जगन्नाथ के अलौकिक नव यौवन रुप के दर्शन भी हुए। मौके पर पूजा के साथ साथ हवन किया गया और जगन्नाथ मंदिर के कपाट खुले। प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन स्वस्थ्य हो कर नये कलेवर में दर्शन दिये। इसे प्रभु के नव यौवन रुप कहा जाता है। मंदिर के ऊपर नया ध्वज पताका लहराया गया ।



कहा जाता है कि ठंडे जल से स्नान के उपरांत भगवान बीमार पड़ जाते हैं, और 15 दिनों तक भक्तों को भी दर्शन नही देते हैं। इस अवधि को अनासारा के रूप में जाना जाता है। 15 दिनों के बाद प्रभु स्वस्थ होते है और भक्तों को दर्शन देते हैं। भगवान के इन दर्शन को नव यौवन दर्शन तथा नेत्रोत्सव कहा जाता है। और इसके बाद भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव मनाया जाता है।


Devotees Gather For Netra Utsav Of Lord Jagannath

नेत्र उत्सव मोके मंदिर के पट खुलने के बाद भक्तों ने महाप्रभु भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए। इसके बाद एक जुलाई को रथयात्रा है। इसे लेकर जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31 में जोरदार तैयारी की जा रही है।



1 जुलाई को भगवान जगन्नाथ रथयात्रा धूमधाम के साथ निकाली जाएगी

उत्कल सांस्कृतिक संघ के महासचिव अरुण मलिक ने बताया कि रथयात्रा जगन्नाथ मंदिर सेक्टर-31 से शुरू होगी जिसमे पीजीआई के पूर्व डीन (अनुसंधान) प्रो. दिगंबर बेहरा यजमान के रूप में पूजा करेंगे। रथयात्रा सेक्टर-31 के श्री जगन्नाथ मंदिर से शुरू होकर रथयात्रा सेक्टर-32, 29, 30, 20, 21, 34, 44, 45, और सेक्टर-47 होते हुए सेक्टर-31 स्थित मंदिर में पूरी हो जाएगी। रथयात्रा की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

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