top of page
Page main all pictures tree long 300.jpg

वास्तु में आक के पौधे का महत्व


ree

हिन्दू धर्म से जुड़े शास्त्रों में ऐसे कई पेड़-पौधों का जिक्र है जो ना सिर्फ मनुष्य जीवन को आसान बनाते हैं बल्कि भविष्य में आने वाली बहुत सी परेशानियों से भी बचाते हैं। आक का वृक्ष ऐसा ही एक वृक्ष है, जिसकी सहायता से आप अपने घर और जीवन में आने वाली परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। सफेद आक को मंदार'आक, 'अर्क' और अकौआ भी कहते हैं। इसका वृक्ष छोटा और छत्तादार होता है। हरे सफेदी लिये पत्ते पकने पर पीले रंग के हो जाते हैं। इसका फूल सफेद छोटा छत्तादार होता है। फूल पर रंगीन चित्तियाँ होती हैं। आक की शाखाओं में दूध निकलता है। आक गर्मी के दिनों में रेतिली भूमि पर होता है। चौमासे में पानी बरसने पर सूख जाता है।

साधारण समाज में यह भ्रान्ति फैली हुई है कि आक का पौधा विषैला होता है, यह मनुष्य को मार डालता है। इसके विपरीत यदि आक का सेवन उचित मात्रा में, योग्य तरीके से, चतुर वैद्य की निगरानी में किया जाये तो अनेक रोगों में इससे बड़ा उपकार होता है।सफेद आक का पौधा आसानी से कहीं भी मिल सकता है। वैसे अधिकतर यह शुष्क और ऊंची भूमि में देखने को मिलता है। सफेद आक का पौधा करीब 5 फुट चौड़ा और 7 फुट ऊंचा होता है। इसके पत्ते बरगद के पत्तों के समान मोटे होते हैं। सामान्य आक के पत्ते हरे रंग के होते हैं, लेकिन सफेद आक के पत्ते सफेद रंग के ही होते है।

इसे गणपति का पौधा मानते हैं और यह दूध वाला होता है। वैसे तो वास्तु के हिसाब से दूध वाले पौधे अशुभ होते हैं, सफेद आक इस मामले में अपवाद है। जिस घर में यह पौधा फलता-फूलता है वहां हमेशा बरकत बनी रहती है। जिस घर में यह पौधा लगा होता है उस घर पर कोई बुरी नजर नहीं लगती और वह काली शक्तियों से भी मुक्त रहता है। उस घर में रहने वाले लोगों पर किसी जादू-टोने का असर नहीं होता। आक का पेड़ मुख्य द्वार के सामने लगाना चाहिए। शिवजी के पूजन में इसके फूलों का प्रयोग होता है।

शास्त्रों के अनुसार आक के पेड़ की पत्तियों को अगर घर के मुख्य द्वार के बाहर टांगा जाए तो यह उस घर और परिवार के सदस्यों को हर बुरी नजर से बचाती हैं। आक के वृक्ष पर उत्पन्न होने वाले सफेद पुष्प भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं। भगवान शिव का पसंदीदा रंग सफेद हैं इसलिए उन्हें ये फूल ज्यादा भाते हैं।

कई बार लोग मेहनत के बावजूद पैसों की बचत नहीं कर पाते हैं। इसकी वजह घर में किसी तरह का वास्तु दोष होना एवं कुंडली में अशुभ ग्रहों का प्रभाव होना हो सकता है। इन सबसे छुटकारा पाने के लिए अका के पौधे का उपाय बहुत कारगर साबित होता है, तो कैसे करें इसका इस्तेमाल आइए जानते हैं।

· जिनके पास पैसा नहीं टिकता है व हमेशा रुपयों की तंगी बनी रहती हैं उन्हें इससे बचने के लिए अपने घर के मुख्य दरवाजे पर आक की जड़ को काले कपड़े में लपेटकर लटका देना चाहिए। ऐसा करने से घर में नकारात्मक शक्तियां नहीं आएगी। साथ ही घर में सुख—समृद्धि में वृद्धि होगी।

·  बच्चे को बार—बार नजर लग जाती है तो इससे छुटकारा पाने के लिए सफेद आक की जड़ को गणपति जी के मंत्र 'ॐ गं गणपतये नमः' या 'ॐ श्री विघ्नेश्वराय नमः' से 108 बार जाप करते हुए अभिमन्त्रित करके बच्चे को गले में पहनाना चाहिए। इससे नजरदोष से बचाव होगा।

·  बुरी नजर की वजह से बच्चे की तबियत अक्सर खराब रहती है तो रवि पुष्य या गुरु पुष्य के दिन श्वेत आक के 11 फूलों की माला बनाकर बच्चे को पहनाना चाहिए।

· यदि घर की बरक्कत रुक गई हो और सारे काम बिगड़ रहें हो तो सफेद आक की जड़ को गणेश जी के सामने रखें। अब इसे पूजा के बाद अपनी तिजोरी में रख दें। इससे धन संबंधित समस्याएं दूर हो जाएंगी।

· सफेद आक का प्रयोग ज्यादातर तंत्र विद्या में किया जाता है। इसमें फूल भी होते हैं। इसकी जड़ से निकलने वाले दूध से कई ज्योतिषीय क्रियाएं सम्पन्न होती हैं।

· सम्भव हो तो शुभ मुहूर्त में इसको विधिनुसार सावधानी से निकाल लें। यदि गणपति जी की आकृति स्पष्ट न हो तो किसी कारीगर से आकृति बनवाई भी जा सकती है। इसको अपने पूजा में रखकर नियमित पूजन- आराधना करने से त्रिसुखों की प्राप्ति होती है।

· गणेशोपासना में लाल वस्त्र धारण करके लाल आसन, लाल पुष्प, लाल चंदन, लाल रत्न-उपरत्न की माला से पूजन तथा नैवेद्य में गुड़ तथा भूंग के लड्डू अर्पण करके निम्न मंत्र का जप करें। देव की कृपा साधक को अवश्य ही मिलेगी। 'ऊँ वक्रतुण्डाय हुम'

· सफेद आक के फूलों से शिव पूजन करें, भोले बाबा की कृपा होगी।

· आक की जड़ रविपुष्य नक्षत्र में लाल कपड़े में लपेटकर घर में रख लें, घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहेगी।

· श्वेतार्क के नीचे बैठकर प्रतिदिन साधना करें, जल्दी फल मिलेगा।वृक्ष के नीचे बैठकर प्रतिदिन 'ऊँ गं गणपतये नमः' की एक माला जप करें, हर क्षेत्र में लाभ मिलेगा।

· श्वेतार्क की जड़, गोरोचन तथा गोघृत में घिसकर तिलक किया करें, इससे त्वरित फल मिलेगा।

· श्वेतार्क से गणपति की प्रतिमा बनाकर घर में स्थापित करें। नित्य एक दूर्वाघास अर्पण कर श्रद्धापूर्वक गणपति जी का ध्यान किया करें, प्रत्येक कार्य में सफलता मिलेगी तथा सब प्रकार के विघ्नों से आपकी रक्षा होगी।

· श्वेतार्क के पत्ते पर अपने शत्रु का नाम इसके ही दूध से लिखकर जमीन में दबा दिया करें, वह शांत रहेगा। इस पत्ते को जल प्रवाह कर दें तो शत्रु आपको छोड़कर और कहीं चला जाएगा।

· श्वेतार्क के फल से निकलने वाली रुई की बत्ती तिल के तेल के दीपक में जलाकर लक्ष्मी साधनाएँ करें, माँ की आप पर कृपा बनी रहेगी ।

· श्वेतार्क की जड़, मूंगा, फिटकरी, लहसुन तथा मोर का पंख एक थैली में सिल लें। यह एक नजरबट्टू बन जाएगा। बच्चे के सोते समय चौंकना, डरना, रोना आदि में यह बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।

· सफेद आक की जड़, गणेश चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी तक नित्य 'ऊँ गं गणपतये नम' मंत्र से पूजा करें, सुख, समृद्धि और धन की प्राप्ति होगी तथा मनोवांछित कामनाएं पूर्ण होंगी।

· श्वेतार्क पर नित्य 'ऊँ नमो विघ्नहराय गं गणपतये नमः' मंत्र जप करते हुए मिश्रित जल से अर्ध्य दिया करें, दुष्ट ग्रह शांत होंगे।

· सिंदूर मिश्रित चावल के आसन पर श्वेतार्क गणपति जी को विराजमान कर लें। हल्दी, चन्दन, धूप, दीप, नैवेद्य से देव की पूजा करें। नित्य गणपति स्तोत्र का पाठ किया करें, धन-धान्य का अभाव नहीं रहेगा।

· श्वेतार्क की जड़ 'ऊँ नमो अग्नि रूपाय ह्रीं नमः' मंत्र जपकर पास रख लें, यात्रा में दुर्घटना का भय नहीं रहेगा।

· श्वेतार्क की समिधाओं में ' ऊँ जूं सः रुं रुद्राय नमः सः जूँ ऊँ' मंत्र जपते हुए हवन सामग्री होम किया करें रोग-शोक का नाश होने लगेगा।

Comments


bottom of page